ब्लोग के नखरे
ये ब्लोग भी अजीब चीज है। सुधारने बैठा जेएनयू वाले अपने पुराने पोस्ट को तो सारा का सारा फिर से पोस्ट हो गया। वह भी बस इसलिए कि कहीं किसी के ब्लोग पर ही पढा कि भाई जब किसी की चर्चा करें तो उससे जुडे हुए लिंक्स देने मे कंजूसी ना करे। वो ही लिंक्स लागने बैठे तो सारा फिर से पोस्ट हो गया। खैर कोई बात नहीं आगे से इसका भी ध्यान रखूंगा। बहरहाल, अब मंहगाई पर रिसर्च कर रह हूँ। अगली पोस्ट शायद वो ही होगी।
तब तक के लिए विदा होता हूँ।
धन्यवाद
1 टिप्पणी:
ये तो चलता है। आगे के लेख का इंतजार है।
एक टिप्पणी भेजें